रक्षा सचिव करेंगे 11वें राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास एवं कार्यशाला का उद्घाटन
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राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड के तत्वावधान में भारतीय तटरक्षक के राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास एवं कार्यशाला (एसएआरईएक्स-24) का 11वां संस्करण 28 से 29 नवंबर, 2024 तक केरल के कोच्चि में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह करेंगे। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाली गणमान्य हस्तियों में भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के महानिदेशक एस. परमेश भी होंगे जो राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव समन्वय प्राधिकरण भी हैं।
इस कार्यक्रम का विषय होगा 'क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ाना' । यह भारतीय खोज और बचाव क्षेत्र और उससे भी आगे जाकर स्थान, राष्ट्रीयता या परिस्थितियों की परवाह किए बिना बड़े पैमाने पर आकस्मिक हालात में सहायता प्रदान करने की आईसीजी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कार्यक्रम के पहले दिन कल विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें टेबल-टॉप अभ्यास, कार्यशाला और सेमिनार शामिल हैं, जिसमें सरकारी एजेंसियों, मंत्रालयों तथा सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न हितधारकों और विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। दूसरे दिन, आकस्मिक हालात को शामिल करते हुए कोच्चि तट पर बड़े पैमाने पर दो समुद्री अभ्यास किए जाएंगे, जिसमें आईसीजी, नौसेना, भारतीय वायु सेना के जहाज और विमान, कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण के यात्री जहाज और सीमा शुल्क विभाग की नावें भाग लेंगी।
पहली आकस्मिकता में 500 यात्रियों वाले जहाज पर संकट का स्वांग रचा जाएगा, जबकि दूसरे परिदृश्य में 200 यात्रियों वाले विमान को नीचे उतारा जाएगा। समुद्री अभ्यास में प्रतिक्रियाओं की सूची में संकटग्रस्त यात्रियों को निकालने के विभिन्न तरीके शामिल होंगे, जिसमें उपग्रह-सहायता प्राप्त संकट संकेत-दीप, जीवन रक्षक प्रणाली तैनात करने के लिए ड्रोन, हवा से गिराए जाने वाले जीवन रक्षक राफ्ट, रिमोट नियंत्रित जीवन रक्षक प्रणाली के संचालन का उपयोग करके अत्याधुनिक तकनीक की तैनाती को प्रदर्शित किया जाएगा। यह अभ्यास न केवल संचालन की दक्षता और राष्ट्रीय हितधारकों के साथ समन्वय का मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बल्कि यह तटीय और मित्र देशों के साथ सहयोगात्मक जुड़ाव पर भी केंद्रित है।
पिछले कुछ वर्षों में, आईसीजी एक प्रमुख समुद्री एजेंसी के रूप में उभरी है, जो एक स्थायी और प्रभावी समुद्री खोज और बचाव संरचना की दिशा में सरकार के प्रयासों को सही दिशा में आगे बढ़ा रही है। हिंद महासागर क्षेत्र में एसएआर के समन्वय के लिए इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन के सदस्य देशों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा, आईसीजी को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एसएआर गतिविधियों के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। समुद्री सुरक्षा पहलू पर आईसीजी का बढ़ता ध्यान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समुद्री क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाते हुए भारत की वैश्विक जिम्मेदारी को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा ।